Tuesday, September 6, 2011

नाज़... मैं संगीत सीखना चाहता हूँ...

नाज़... मैं संगीत सीखना चाहता हूँ...

काश... कोइए ऐसा होता जो मुझे संगीत सिखाता... मुझे अपने सुरों में बांध लेता... उसके संगीत के लय में, मैं सब कुछ भूल जाता... बस उसकी आवाज़ के जादू में मैं हमेशा खोया रहता... कभी - कभी मेरे साथ भी गाती, जानता हूँ मेरी आवाज़ अच्छी नहीं है...

नाज़... काश तुम जन्नत में न होती... मेरी ज़िन्दगी में कुछ संगीतमय संभावना होती...

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