Wednesday, September 14, 2011

नाज़... मैं एक बार द्वीप पर जाना चाहूँगा...

नाज़... मैं एक बार द्वीप पर जाना चाहूँगा... और चाहता हूँ कि उस द्वीप को तुम्हारे नाम से खरीदूं... जिसका नाम भी मैं तुम्हारे नाम पर रखूँ... वहां पर हर चीज़ का नाम तुम्हारे नाम पर हो... सच्ची... सब कुछ नाज़ नाम से...

अरे बाबा मैं जानता हूँ... मुझे याद है... तुम्हारे नाम से एक स्कूल भी बनवाना है... एक गाय तुम्हारे नाम से लेनी है... एक पेड़ तुम्हारे नाम से लगाना है... कई पंछी तुम्हारे नाम से रख कर हवा में उड़ाने है...

काश तुम जन्नत में न होती... तोह मेरी ज़िन्दगी में भी बहुत सारी संभावनाएं होती...

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