Monday, September 5, 2011

नाज़... कुछ innovative होना चाहिए न...

नाज़... कुछ innovative होना चाहिए न... 

लड़की खुद आती और कहती... यह शादी के reception का कार्ड प्रिंट हो गया है... यह रही रिंग हम दोनों के लिए... मैंने कोर्ट से शादी की डेट ले ली है... आप समय से कोर्ट आ जाना... हम दोनों की शादी है...

मैं आपके घर, यानि हमारे घर जाकर देख लूंगी कि हमको क्या - क्या सामान और खरीदना पड़ेगा... मैं लिस्ट बना लेती हूँ... आप दो दिन छुट्टी ले लो... हम भी छुट्टी ले लेंगे... फिर चल कर सामान बुक करवा देंगे... 

आप एक दिन और छुट्टी ले लेना... हम लोगों को शादी की भी थोड़ी सी शोपिंग करनी होगी न... 

मैं कहता तुम हो कौन... कहाँ से प्रकट हुई हो... सीधे जन्नत से आ रही हो क्या???

हा हा हा... 

नाज़... काश तुम जन्नत में न होती... मेरी ज़िन्दगी में कुछ ऐसी भी मजेदार संभावना होती...

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