Sunday, October 9, 2011

"ईर्ष्या अपनी हीनता के बोध में से जन्म लेती है और वोह उस हीनता को दूर नहीं करती, केवल दबाती है."

"ईर्ष्या अपनी हीनता के बोध में से जन्म लेती है और वो उस हीनता को दूर नहीं करती, केवल दबाती है."

- जैनेंद्र कुमार

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