अगर
अगर मुझे इस जन्म में दो बेटियाँ होती है, तो मैं उस जगह नाज़ और गुन को देखना चाहूँगा. उस नाज़ को और उस गुन को जिसे मैं जानता था, जिससे मैं मिला था. जिसकी अनुभूति, उपस्थिति को मैंने महसूस किया था. जिसके एहसास ने हौले से मेरा हाथ दबाया था, मेरे शरीर को गर्माहट दी थी, मेरे नंगे पैरों को अपने हाथों में थामा था.
कहते है "मृत्यु ज़िन्दगी खत्म करती है, रिश्ते नहीं"
No comments:
Post a Comment