Saturday, December 10, 2011

ॐ निलान्जनम समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम। छायामार्तंड संभूतं तं नमामि शनैश्चरम॥

ॐ निलान्जनम समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम।
छायामार्तंड संभूतं तं नमामि शनैश्चरम॥
ॐ शनैश्वराय नमः॥
सूर्य पुत्रो दीर्घ देहो विशालाक्षः शिवप्रियः।
मन्दचारः प्रसन्नात्मा पीडां हरतु मे शनिः॥
कोणस्थ पिंगलो ब्रभू कृष्णो रौद्रो दंतको यमः।
सौरिः शनैश्वरो मन्दः पिप्पालोद्तः संस्तुतः॥
एतानि दशनामानी प्रातः रुत्थाय य पठेतः।
शनैश्वर कृता पिडा न कदाचित भविष्यती॥
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जय श्री शनि देव
जय श्री शनि देव
जय श्री शनि देव
जय श्री शनि देव
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श्री शनि देव जी सबको सुख शांति देना
सबको अच्छे कर्म करने की शक्ति देना
सबके दुःख-तल्कीफ को दूर करना
नाज़ का हमेशा ख्याल रखना.
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जय श्री शनि देव
जय श्री शनि देव

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