सर, ईश्वर आपको निशानी देता हैं,
जब आप अपनी अगली साँस लेते हैं.
जब आप ताज़े फूलों की खुशबू सूँघते हैं.
जब आप चिड़ियाँ के गाने की आवाज़ सुनते हैं.
जब बच्चा पैदा होता है.
सर, ईश्वर आपको निशानी देता हैं,
जब आप हँसते हैं, और जब आप रोते हैं,
जब आप अपनी आँखों से आँसुओं को बहते हुए महसूस करते हैं.
यह आपके दिल में निशानी है कि आप गले लगें, और प्यार करें.
ईश्वर आपको हवा में और इन्द्रधनुषों में और मौसमों के परिवर्तन में निशानी देता हैं.
सभी निशानी मौजूद हैं, लेकिन क्या आपको उनमें यकीन नहीं हैं?
सर, ईश्वर आपमें हैं और ईश्वर मुझमें हैं.
आपकी खोज में कोई फ़ायदा नहीं हैं, क्यूंकि वह हर समय यहीं पर हैं.
(स्रोत : आत्मा के लिए अमृत का दूसरा प्याला - बच्ची के आँखों में)
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