Thursday, July 3, 2014

मुझे आम इसलिए पसंद है...

मियां मुझे आम इसलिए पसंद है
यह वो फल जो हर ग़रीब की जेब में आसानी से आ जाता है।

 वरना मेरा पसंदीदा फल "खिरनी" है। 

#रोमिल

फ़क्र है मुझे अपनी माँ की तालीम पर

फ़क्र है मुझे अपनी माँ की तालीम पर
जिन्होंने मेहनत की दाल-रोटी खाना सिखाया
हराम के मुर्ग़ मुसल्लम नहीं।

इसलिए मैं खुदा से नज़रें मिलाकर बात करता हूँ
कि मुझमें कोई ऐब नहीं। 
 दौलत की चाह नहीं।
मौत का खौफ नहीं।

 मुझे बचपन में कम मार्क्स लाने की चिंता नहीं रहती थी
बल्कि चिंता इस बात की रहती थी कि क्या मैं इतने मार्क्स ला पायूँगा 
कि मुझे स्कॉलरशिप मिल सके।

ज़रा गौर से देखो उसकी तरफ़
उसके बदन पर कोई क़ीमती जेवर नहीं है
न ही महँगे लिबास है
पर
खुदा ने उसको तालीम के जेवरों से नवाज़ा है। 

मैं नौकरी कर रहा हूँ, मेरी मजबूरी है
वोह मुझसे अपनी नौकरी करवा रहा है, उसकी क़िस्मत है
मगर इज़्ज़त बेच दूँ इतना मज़बूर नहीं।

#रोमिल

Wednesday, July 2, 2014

yeh Car wale hai...

yeh Car wale hai,
music mein khoye honge,
inhein kaha pukarati aawaazein sunai dengi
inki nazron ke saamne chhada hua hai sheesha
inhein kahan suratein pehchan dengi...

chhodo... inke peeche bhagate-bhagate gir jaoge
kahan inki raftarein tham payengi
chhodo... khoye rehne do inko apni mehfilon mein
kahan inko kisi ki mohabbat dikhai degi.

chalo... uthate hai apni Cycle
pind da ek chakkar lagate hai
bachpan ki galiyon se nikalte hai
yahi yaadein fir se aansuyon se bhari aankhon mein khushiyaa layengi.

#Romil

यह कार वाले हैं, 
म्यूजिक में खोए होंगे, 
इन्हें कहां पुकारती आवाजें सुनाई देंगी 
इनकी नजरों के सामने चढ़ा हुआ है शीशा 
इन्हें कहां सूरतें पहचान देंगी...

छोड़ो... इनके पीछे भागते-भागते गिर जाओगे 
कहां इनकी रफ्तारें थम पाएंगी 
छोड़ो... खोए रहने दो इनको अपनी महफ़िलो में 
कहां इनको किसी की मोहब्बत दिखाई देगी...

छोड़ो... उठाते हैं अपनी साइकिल पिंड दा एक चक्कर लगाते हैं 
बचपन की गलियों से निकलते हैं 
यही यादें फिर से आंसुओं से भरी आंखों में खुशियां लाएंगी.

#रोमिल

Monday, June 30, 2014

न जाने क्यों खुदा...

न जाने क्यों खुदा...
गरीबों की तक़दीर लिखते हुए अक्सर तेरी कलम की स्याही कम पड़ जाती है। 

#रोमिल

Rafta-Rafta kaash woh mere rang mein rangte jaye...

Rafta-Rafta kaash woh mere rang mein rangte jaye
Hum jitni siddat se unko ishq karte hai
Kaash woh bhi humko utni hi siddat se chahe.

Rafta-Rafta kaash woh mere rang mein rangte jaye...

tabiyat unki bhi kharab ho soch mein meri
kabhi raat kate unki bhi bistar par karwatein lete hue
to kabhi raah mein chalte-chalte woh bhi tham se jaye.

Rafta-Rafta kaash woh mere rang mein rangte jaye...

mujhko manane ke woh dhundhe sau bahane
kabhi ajeeb-ajeeb totake kare woh mujhpar 
to kabhi surk gulab lekar mere sirhane rakh jaye.

Rafta-Rafta kaash woh mere rang mein rangte jaye...

#Romil

रफ्ता-रफ्ता काश वो मेरे रंग में रंगते जाए 
हम जितनी शिद्दत से उनको इश्क करते हैं 
काश वो भी हमको उतनी ही शिद्दत से चाहे.

रफ्ता-रफ्ता काश वो मेरे रंग में रंगते जाए...

तबीयत उनकी भी खराब हो सोच में मेरी 
अभी रात कटे उनकी भी बिस्तर पर करवटें लेते हुए 
तो कभी राह में चलते-चलते वो भी थम से जाएं.

रफ्ता-रफ्ता काश वो मेरे रंग में रंगते जाए...

मुझको मनाने के वो ढूंढे सौ बहाने 
कभी अजीब-अजीब टोटके करके वह मुझपर 
तो कभी सुर्ख़ गुलाब लेकर वो मेरे सिरहाने रख जाए.

रफ्ता-रफ्ता काश वो मेरे रंग में रंगते जाए..

#रोमिल

Sunday, June 29, 2014

pehle zakhm dekar, mehboob hone ka farz ada karta hai

pehle zakhm dekar, mehboob hone ka farz ada karta hai 
fir qaatil, thik hone ki dawa ke saath dua bhi karta hai.

na apni giraft mein rehne deta hai
na apni giraft se aazad hone deta hai.

dil bechara... uske mohabbat ke jaal mein phas kar
ghazal panchi ki tarah bas fadfadata rehta hai.

#Romil

पहले जख्म देकर, महबूब होने का फर्ज अदा करता है 
फिर कातिल, ठीक होने की दवा के साथ दुआ भी करता है.

ना अपनी गिरफ्त में रहने देता है 
ना अपनी गिरफ्त से आजाद होने देता है.

दिल बेचारा... उसके मोहब्बत के जाल में फँसकर 
घायल पंछी की तरह बस फड़फड़ाता रहता है. 

#रोमिल

khawabon mein invest karo hamesha acche returns milenge.

khawabon mein invest karo
hamesha acche returns milenge.

#Romil