Monday, October 31, 2011

समय

समय 

एक समय मैं गुन से मिलने के लिए इतना व्याकुल था जितना एक पिल्ला दूध के लिए होता है. उसकी इतनी देख-रेख करना चाहता था जितना कोई माँ, कार की सीट पर बैठे अपने बच्चे के साथ करती है. उसे उस तरह प्यार से सुलाना चाहता था जिस तरह कोइए माँ-पिता अपने बच्चों को माथे पर चूम कर शुभ रात्रि कहते हुए सुलाते है.

और एक समय मैं उससे इतनी नफरत करता था कि किसी दुकान का नाम उसके नाम से मिलाता हो तो मैं उस दुकान के मालिक से उस नाम को हटाने की गुज़ारिश करता था. 

शिक्षक अनंतकाल तक प्रभावित करता है; वह खुद भी नहीं बता सकता कि उसका प्रभाव कहाँ जाकर खत्म होता है.

शिक्षक अनंतकाल तक प्रभावित करता है; वह खुद भी नहीं बता सकता कि उसका प्रभाव कहाँ जाकर खत्म होता है.

- हेनरी एडम्स

Har Bande Di Awaaz Vich "OH" Aap Bolda

Ѽ♥◘◘●◘◘♥Ѽ 
Har Bande Di Awaaz Vich "OH" Aap Bolda
Har Panchhi Di Parwaaz Vich "OH" Aap Bolda
Har Rooh Vich Maujaan Maanda, Mera "BABA NANAK"
Sabhna De Dil Di Jaanda, Mera "BABA NANAK"
Ѽ♥◘◘●◘◘♥Ѽ
DHAN-DHAN SRI GURU NANAK DEV JI
SATNAM SRI WAHEGURU JI
SATNAM SRI WAHEGURU JI
***
Sri Waheguru Ji sabko khushiyaan bakshees karo
Sabko sukh-shanti do
Sabke jeevan se dukh-takleef dur karo
NaaZ ka har pal khayal rakhana
SATNAM SRI WAHEGURU JI
SATNAM SRI WAHEGURU JI  

हादसा हो जाये अगर

हादसा हो जाये अगर चौराहे पर चार लोग नहीं देखते रोमिल
एक लड़की नचा दो, हज़ारों की भीड़ लग जाती हैं.

KAJRARE-KAJRARE

NaaZ ek aur Time Pass
Maine Jalsa ka darwaja khatkhataya
Awaz Aai - Kya Chahiye?
Maine Kahan - Aishwarya Rai
Awaz Aai - Hum bhi uska intezaar kar rahe hai
KAJRARE-KAJRARE
Karne Ke Liye.

hehehe

Thank You SHERU

नाज़ हम आपको एक TIME PASS सुनाते है...

Boss - Tum aaj samay se kaise office aa gaye?
Romil - Sir, iska credit SHERU ko jata hai.


Boss - Kaun SHERU?
Romil - Sir, meri gali ka kutta. Saale ne jo Aashiyana se daurana shuru kiya to seedhe Indira Nagar mein aake choda.


Boss - Thank You SHERU.

हा हा हा...

Sunday, October 30, 2011

यादें

यादें

सब लोगों ने मुझे नाज़, गुन की यादों को भुला देने को कहा था जबकि मैं उसे दुनिया के साथ बाँटना चाहता था. मुझे नहीं पता दुनिया को यह क्यों लगता है कि यादें हमेशा दुःख देती है, जबकि मेरा अनुभव यह कहता है कि यादें हमेशा सुख-शांति देती है. घर में कभी इनकी आवाज़ सुनाई दे जाती है, जब मैं बिल्कुल अकेला होता हूँ, कभी ट्रेन में तो कभी बस में उनका एहसास होता है. जब कभी भी मैं अकेले में उनकी आवाज़ सुनता था या उनको याद करता था तो ऐसा लगता था कि वोह वही पर है, मेरे आस पास...

सच कहती थी नाज़ "सुल्तान, तू बहुत जोक मरता है न, सबका मज़ाक बनाता है, एक न एक दिन मैं तुमको बहुत रुलाकर रहूँगी. 

सच कहती थी वोह.