Tuesday, November 23, 2010

जो न कभी आया था.. जो न कभी आने वाला हैं...

उसकी झूठी आस में मैं जियूं कब तक
खून-ए-दिल पियूं कब तक
जो न कभी आया था
जो न कभी आने वाला हैं...
*
वादे सब झूठे थे
बातें सब थी झूठी
कैसा शिकवा उससे
जो न कभी आया था
जो न कभी आने वाला हैं...
*
एक दीदार को तरसे नैना
दरवाज़े को तकते नैना
झिलमिल झिलमिल बरसे नैना
कैसा इंतज़ार उसका
जो न कभी आया था
जो न कभी आने वाला हैं...
*
बीते वर्षो,
बीती सदियाँ
बीते दिन रात रे अपने  
कैसा पछतावा करना
जो न कभी आया था
जो न कभी आने वाला हैं...
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