Saturday, March 12, 2011

सोच रहा हूँ इस बार होली कुछ इस तरह मनाऊँ...

गुन्नू...

ये मेरी राधा...
ओह राधा
सुनो न राधा...

एक संगेमरमर की मूर्ति तेरी बनाऊँ
उसे लाल, गुलाबी, पीले, नीले, हरे रंगों से सजाऊँ
सोच रहा हूँ इस बार होली कुछ इस तरह मनाऊँ...

http://sunny-raj.blogspot.com/2011/03/blog-post.html

No comments:

Post a Comment