गुन्नू...
ये मेरी राधा...
ओह राधा
सुनो न राधा...
एक संगेमरमर की मूर्ति तेरी बनाऊँ
उसे लाल, गुलाबी, पीले, नीले, हरे रंगों से सजाऊँ
सोच रहा हूँ इस बार होली कुछ इस तरह मनाऊँ...
http://sunny-raj.blogspot.com/2011/03/blog-post.html
ओह राधा
सुनो न राधा...
एक संगेमरमर की मूर्ति तेरी बनाऊँ
उसे लाल, गुलाबी, पीले, नीले, हरे रंगों से सजाऊँ
सोच रहा हूँ इस बार होली कुछ इस तरह मनाऊँ...
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