ॐ नमः शिवाय
कैलाशी काशी के वासी अविनाशी मेरी सुध लीजो।
सेवक जान सदा चरनन को अपनी जान कृपा कीजो॥
तुम तो प्रभुजी सदा दयामय अवगुण मेरे सब ढकियो।
सब अपराध क्षमाकर शंकर, सबकी की विनती सुनियो॥
ॐ नमः शिवाय
ॐ नमः शिवाय
ॐ नमः शिवाय
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शिव जी सबको सुख-शांति देना
सबका कल्याण करना
सबकी विनती सुनना
सबका ख्याल रखना।
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