Saturday, September 10, 2011

नाज़... मैं ज़िन्दगी में एक बार cruise ship पर जाना चाहूँगा...


नाज़... मैं ज़िन्दगी में एक बार cruise ship पर जाना चाहूँगा... वोह समुंदर के बीच का सफ़र... चारों तरफ पानी ही पानी... जहाँ भी नज़र जाये बस पानी ही पानी...नीला नीला पानी... वोह ठंडी - ठंडी हवा का चलना... कहीं दूर से आती हुई आवाज़... जब रात हो तोह वोह जगमगाता हुआ cruise ship समुन्दर के बीच में चला जाता हुआ.... सूरज की पहली किरण को देखना... वोह तुम्हारे साथ चाँद को ढलते हुए देखना... वोह तारों से जगमगाती हुई रात को देखना...

काश नाज़.. तुम जन्नत में न होती... मेरी ज़िन्दगी में भी cruise ship पर जाने की संभावना होती...

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