सुनकर तुम्हारी बातें
रोते हुए कटी है रातें
दिन भी मरा-मरा सा बीता है
शाम भी रोई-रोई सी आई है।
खुद पर कोई सितम न ढाओ
जो सज़ा देनी है मुझे दे दो
चलो अब कुछ मीठा बोल दो !
#रोमिल
यह घर ख़रीदना मेरी हसरत है
मेरी चाहत है
मेरा ज़िन्दगी-ए-सुकून है
मैं इस घर को खरीदने के लिए हर सौदा करने को तैयार हूँ
इस घर की चौखट पर मेरी माँ ने आख़िरी सांसें जो ली थी।
#रोमिल