"Zindagi Jab Mayush Hoti Hai Tabhi Mehsus Hoti Hai"
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Saturday, February 4, 2012
Friday, February 3, 2012
हर बात भुला दो जीवन में यह बात भुलाओ न जीवन देने वाली माँ का दिल कभी दुखाओ न
हर बात भुला दो जीवन में यह बात भुलाओ न
यह बात भुलाओ न
जीवन देने वाली माँ का दिल कभी दुखाओ न
यह बात भुलाओ न
हर बात भुला दो जीवन में यह बात भुलाओ न
यह बात भुलाओ न
जीवन देने वाली माँ का दिल कभी दुखाओ न
यह बात भुलाओ न
है माँ ममता की खान
कहते है वेद पुराण - २
पाँव छुकर घर से निकालो तो हर शुभ कार्य हो जाता है
पाँव छुकर घर से निकालो तो हर शुभ कार्य हो जाता है
माँ का आशीर्वाद मिले तो जीवन सफल हो जाता है.
सुख-दुःख के मृत्युलोक में इंसान फँस के रह जाता है
रोमिल, माँ का साथ मिले तो जीवन तर जाता है.
अब सौंप दिया इस जीवन का, सब भार तुम्हारे हाथों में
अब सौंप दिया इस जीवन का, सब भार तुम्हारे हाथों में
है जीत तुम्हारे हाथों में, और हार तुम्हारे हाथों में - २
मेरा निश्चय बस एक यही, इक बार तुम्हे मैं पा जाऊं
इक बार तुम्हे मैं पा जाऊं
मेरा निश्चय बस एक यही, इक बार तुम्हे मैं पा जाऊं
अर्पण कर दूँ दुनिया भर का, सब प्यार तुम्हारे हाथों में.
अब सौंप दिया इस जीवन का, सब भार तुम्हारे हाथों में
है जीत तुम्हारे हाथों में, और हार तुम्हारे हाथों में.
जो जग में रहूँ तो ऐसे रहूँ, जो जल में कमल का फूल रहे
जो जल में कमल का फूल रहे
जो जग में रहूँ तो ऐसे रहूँ, जो जल में कमल का फूल रहे
मेरे गुण दोष समर्पित हो, भगवान् तुम्हारे हाथों में.
अब सौंप दिया इस जीवन का, सब भार तुम्हारे हाथों में
है जीत तुम्हारे हाथों में, और हार तुम्हारे हाथों में.
यदि मानुष का मुझे जन्म मिले, तब चरणों का मैं पुजारी बनूँ
तब चरणों का मैं पुजारी बनूँ
यदि मानुष का मुझे जन्म मिले, तब चरणों का मैं पुजारी बनूँ
इस पूजक की इक - इक नस का, सब तार तुम्हारे हाथों में
अब सौंप दिया इस जीवन का, सब भार तुम्हारे हाथों में
है जीत तुम्हारे हाथों में, और हार तुम्हारे हाथों में.
जब - जब संसार का कैदी बनूँ , निष्काम भाव से कर्म करूँ
निष्काम भाव से कर्म करूँ
फिर अंत समाये में प्राण तजूं, निराकार तुम्हारे हाथों में.
अब सौंप दिया इस जीवन का, सब भार तुम्हारे हाथों में
है जीत तुम्हारे हाथों में, और हार तुम्हारे हाथों में.
मुझमे तुझमे बस भेद यही, मैं नर हूँ आप नारायण हो
मैं नर हूँ आप नारायण हो
मैं हूँ संसार के हाथों में, संसार तुम्हारे हाथों में.
अब सौंप दिया इस जीवन का, सब भार तुम्हारे हाथों में
है जीत तुम्हारे हाथों में, और हार तुम्हारे हाथों में - २
http://gurbani-sunny-raj.blogspot.in/2012/02/blog-post_03.html
***
हे प्रभु सबको स्वास्थ, बल तथा पराक्रम प्रदान करे
है जीत तुम्हारे हाथों में, और हार तुम्हारे हाथों में - २
मेरा निश्चय बस एक यही, इक बार तुम्हे मैं पा जाऊं
इक बार तुम्हे मैं पा जाऊं
मेरा निश्चय बस एक यही, इक बार तुम्हे मैं पा जाऊं
अर्पण कर दूँ दुनिया भर का, सब प्यार तुम्हारे हाथों में.
अब सौंप दिया इस जीवन का, सब भार तुम्हारे हाथों में
है जीत तुम्हारे हाथों में, और हार तुम्हारे हाथों में.
जो जग में रहूँ तो ऐसे रहूँ, जो जल में कमल का फूल रहे
जो जल में कमल का फूल रहे
जो जग में रहूँ तो ऐसे रहूँ, जो जल में कमल का फूल रहे
मेरे गुण दोष समर्पित हो, भगवान् तुम्हारे हाथों में.
अब सौंप दिया इस जीवन का, सब भार तुम्हारे हाथों में
है जीत तुम्हारे हाथों में, और हार तुम्हारे हाथों में.
यदि मानुष का मुझे जन्म मिले, तब चरणों का मैं पुजारी बनूँ
तब चरणों का मैं पुजारी बनूँ
यदि मानुष का मुझे जन्म मिले, तब चरणों का मैं पुजारी बनूँ
इस पूजक की इक - इक नस का, सब तार तुम्हारे हाथों में
अब सौंप दिया इस जीवन का, सब भार तुम्हारे हाथों में
है जीत तुम्हारे हाथों में, और हार तुम्हारे हाथों में.
जब - जब संसार का कैदी बनूँ , निष्काम भाव से कर्म करूँ
निष्काम भाव से कर्म करूँ
फिर अंत समाये में प्राण तजूं, निराकार तुम्हारे हाथों में.
अब सौंप दिया इस जीवन का, सब भार तुम्हारे हाथों में
है जीत तुम्हारे हाथों में, और हार तुम्हारे हाथों में.
मुझमे तुझमे बस भेद यही, मैं नर हूँ आप नारायण हो
मैं नर हूँ आप नारायण हो
मैं हूँ संसार के हाथों में, संसार तुम्हारे हाथों में.
अब सौंप दिया इस जीवन का, सब भार तुम्हारे हाथों में
है जीत तुम्हारे हाथों में, और हार तुम्हारे हाथों में - २
http://gurbani-sunny-raj.blogspot.in/2012/02/blog-post_03.html
***
हे प्रभु सबको स्वास्थ, बल तथा पराक्रम प्रदान करे
सबको ज्ञान-विवेक-बुद्धि प्रदान करे
सबका कल्याण करे.
माँ का हमेशा हर पल ख्याल रखे
माँ को शांति प्रदान करे
मेरी पापो को क्षमा करे.
मुमकिन है मेरी बात से किसी को पहुँची हो ठेस
मुमकिन है मेरी बात से किसी को पहुँची हो ठेस
मगर मैंने आज तक कभी किसी को धोखा नहीं दिया.
प्रभु ने भी माँ का सदा किया गुणगान...
प्रभु ने भी माँ का सदा किया गुणगान
कभी कृष्ण तो कभी राम बनकर, पुत्र बना भगवान.
प्रभु ने भी माँ का सदा किया गुणगान...
उसकी ममता में आंगन-आंगन खेला
कभी माखनचोर तो कभी ठुमक - ठुमक चलत भगवान.
प्रभु ने भी माँ का सदा किया गुणगान...
माँ के हाथों से भोजन किया, अमृतजल पिया
कभी मुख में सौरमंडल दिखाए भगवान.
प्रभु ने भी माँ का सदा किया गुणगान...
संग - संग, खेल खेले, पीछे- पीछे दौड़ाए
कभी आशीष पाए, कभी चरण कमल दबाये भगवान
रोमिल प्रभु ने भी माँ का सदा किया गुणगान...
Thursday, February 2, 2012
माँ जब याद तुम्हारी आती है...
माँ जब याद तुम्हारी आती है, आँखों से नीर बह जाती है
व्याकुल मन तुझे पुकारता है, चारों ओर उदासी छा जाती है.
माँ जब याद तुम्हारी आती है...
बैठा रह जाता हूँ चौखट पे, सारी रैन बीत जाती है.
सारी सुधि बुद्धि पल भर में खो हो जाती है.
माँ जब याद तुम्हारी आती है...
व्याकुल मन तुझे पुकारता है, चारों ओर उदासी छा जाती है.
माँ जब याद तुम्हारी आती है...
बैठा रह जाता हूँ चौखट पे, सारी रैन बीत जाती है.
सारी सुधि बुद्धि पल भर में खो हो जाती है.
माँ जब याद तुम्हारी आती है...
करुणा से भरे शब्द मुख से निकलते है
आँखें मंदिर की ओर खीची चली जाती है
माँ जब याद तुम्हारी आती है...
फूलमाला से लिपटी जब तस्वीर तुम्हारी देखता हूँ
आत्मा से एक चीख-पुकार निकल आती है.
माँ जब याद तुम्हारी आती है...
माँ जब याद तुम्हारी आती है, आँखों से नीर बह जाती है
व्याकुल मन तुझे पुकारता है, चारों ओर उदासी छा जाती है.
माँ जब याद तुम्हारी आती है... रोमिल...
आँखें मंदिर की ओर खीची चली जाती है
माँ जब याद तुम्हारी आती है...
फूलमाला से लिपटी जब तस्वीर तुम्हारी देखता हूँ
आत्मा से एक चीख-पुकार निकल आती है.
माँ जब याद तुम्हारी आती है...
माँ जब याद तुम्हारी आती है, आँखों से नीर बह जाती है
व्याकुल मन तुझे पुकारता है, चारों ओर उदासी छा जाती है.
माँ जब याद तुम्हारी आती है... रोमिल...
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