Tuesday, December 7, 2010

बैठे - बैठे

बैठे - बैठे
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१. बैठे - बैठे होंठो पर कभी मुस्कान आ जाती है - बहुत समय पहले एक लड़की ट्रेन में दिखी थी, अपने भाई और पिता जी के साथ थी... उसकी एक-एक अदा ख्याल आते ही... होंठों पर मुस्कान आ जाती है... बहुत प्यारी थी... एक दम बचपन जैसी उसकी अदा थी... उस समय बहुत सर्दी थी... तोह वोह अपने हाथो से अपनी नाक पोछ पर फिर जींस से पोछ लेती थी... बहुत ही प्यारी सी... शायद उसके पास उस समय रुमाल नहीं था... कोइए बाहरी दिखावा नहीं था....      

२. बैठे - बैठे आँखों में कभी आंसू आ जाते है - नाज़ का ख्याल आते ही... बहुत याद आती है उसकी सच में उसकी...

३. बैठे - बैठे होंठो पर मुस्कान और आँखों में आंसू दोनों आ जाते है - गुन का ख्याल आते ही... सच में उससे बहुत ही ज्यादा प्यार किया था...

४. बैठे - बैठे मुह से गाली निकल जाती है - शी और भाई का ख्याल आते ही... दोनों मतलबी... बहुत कोशिश करता हूँ नहीं बुरे शब्द होंठों से निकालू, मगर निकल ही जाते है...

५. बैठे - बैठे गुस्सा आ जाता है  - बॉस का ख्याल आते ही... बस मेरा बस नहीं चलता, वरना ढाई फुट से एक फुट कर देता...

६. बैठे - बैठे फुर्ती आ जाती है  - ऑफिस के काम का ख्याल आते ही...

७. बैठे - बैठे दिल बाग़-बाग़ हो जाता है  - नाज़ के नाम से स्कूल का ख्याल आते ही...

८. बैठे - बैठे आलस आ जाती है  - ऑफिस के लोगों की बेफालतू बातें सुन कर...
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