शीश गंग अर्धग पार्वती सदा विराजत कैलासी।
नंदी भृंगी नृत्य करत हैं, धरत ध्यान सुखरासी॥
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ॐ नमः शिवाय
नंदी भृंगी नृत्य करत हैं, धरत ध्यान सुखरासी॥
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ॐ नमः शिवाय
ॐ नमः शिवाय
ॐ नमः शिवाय
ॐ नमः शिवाय
हे भोलेबाबा आप सबको दुःख-कष्टों से मुक्त करना
सबको पापों से मुक्त करना
सबको सुख-शांति देना
सबका हमेशा हर पल ख्याल रखना
सबकी गलतियों को क्षमा करना
सबको सही मार्ग पर चलने की सदबुद्धि देना...
ॐ नमः शिवाय
ॐ नमः शिवाय
ॐ नमः शिवाय
ॐ नमः शिवाय
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