Friday, January 7, 2011

यह नुमाइश न बार-बार होगी...

मुझ पर हँसना हैं तो हंस लो
यह आज़माइश न बार-बार होगी
दिल बिक रहा हैं मेरा 
यह नुमाइश न बार-बार होगी...
*
कोई दौलत लाया हैं
कोई लाया हैं जेवरात
जो खरीद सके मेरा पाक-ए-दिल
वो दिलकश-ए-मुस्कान न जाने कहाँ होगी...
*
रही ज़िन्दगी भर यह कशमकश की उनसे मुलाक़ात हो जाये - २ 
आज बाज़ार में खुद बैठा हूँ
वो न जाने किस बाज़ार में होगी...
*
हज़ार तूफ़ान आये 
मगर मेरे सागर-ए-दिल से उसका नाम न मिटा सके - २
जीत लूं चाहे किसी भी हसीना को
मगर तुझे न पाकर
मेरी सिर्फ हार होगी...
मेरी सिर्फ हार होगी...

#रोमिल

Thursday, January 6, 2011

Ajj honna didaar mahi da...

ajj honna didaar mahi da 
ajj hona didaarrr
ajj mahi ne auna hi auna 
ajj nahi ne auna
  karna haar shingar mahii da 
ajj honna didaar mahi da ajj hona didaarrr........

ajj hawavan mithiyan wagna
ajj dharti neh dulhan sajna

karna haar shingar mahii da 
ajj honna didaarrr
ajj honna didaar mahi da ajj hona didaarrr........

Jo Kuch De Waheguru Us Ko Karo Manzur,

Apne Aap Par Kabi Na Karo Garur,
Jo Kuch De Waheguru Us Ko Karo Manzur,
Kiya Hai Uski Raza Yeh ta Pata Nahi,
Par Kabi Waheguru Ko Na Karo Apne Se Door 

SATNAM SRI WAHEGURU JEE 

*** 

SRI WAHEGURU JEE SAB PAR APNI MEHAR RAKHANA

SABKI PARSHANI KO DURR KARNA

SABKO SUKH-SAMRIDHI DENA 

NAAZ KA KHAYAL RAKHANA

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SATNAM SRI WAHEGURU JEE

सर्द की रातों का अजब तजुर्बा मिला

सर्द की रातों का अजब तजुर्बा मिला
वो रही नज़रों के सामने
गर्मी का एहसास मिला...
*
फिर हवा खींचकर लाई उसे मेरे पास
काँपते हुए बदन को सहारा मिला...
*
आसमां ने भी गिरा दिए बारिश की बूँदें
छुपने को न कोई किनारा मिला...
*
बस एक बिजली गिरी और वो लिपट गई मुझसे
धुंध में भी मौसम सुहाना मिला...

#रोमिल

Wednesday, January 5, 2011

मैं बरसों से...

उसे ढूंढ रहा हूँ मैं बरसों से 
जिसका दीवाना हूँ, मैं बरसों से...
*
जिसे कहता रहा मैं खुदा उम्र भर   
उसे देखा नहीं हूँ, मैं बरसों से...
*
जिसकी खैरियत-ए-खबर सुनने को दिल फिक्रमंद रहता है 
उसके ख़त के इंतज़ार में हूँ, मैं बरसों से...
*
कोई तो समझता मेरे दर्द-ए-दिल को रोमिल
ऐसे इंसान से मिलने को बेताब हूँ, मैं बरसों से...

#रोमिल

inhi ki kripa ke saaje hum hai...

judhh jithae inhi kae prasaadh inhi kae prasaadh sho dhaan karae || 
agh ough ttarae inhi kae prasaadh inhi ki kripa gun dhhaam bharae || 
inhi kae prasaadh sho bidhayaa lae inhi ki kripaa sabh saathr marae || 
inhi ki kripa ke saaje hum hai (n) nahi(n) moh sare gareeb karor pare || 2 ||

Translation
It is through the actions of the Khalsa that I have been victorious, and have been able to give charities to others. 
It is through their help that I have overcome all sorrows and ailments and have been able to fill my house with treasures. 
It is through their grace that I have got education, and through their assistance I have conquered all my enemies. 
It is through their aid that I have attained this status, otherwise there are millions of unknown mortals like me.
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SATNAM SRI WAHEGURU JEE
SRI WAHEGURU JEE SAB PAR APNI KRIPA RAKHANA 
SABKO APNE CHARANA MEIN ISTHAN DENA
NAAZ KA KHAYAL RAKHANA
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SATNAM SRI WAHEGURU JEE

Tuesday, January 4, 2011

हुस्न को बेनक़ाब होने दीजिये

हुस्न को बेनक़ाब होने दीजिये
ज़रा थोडा और हमको पास होने दीजिये...
*
ऐसे न लपेटो हमको अपने बदन से - २ 
महबूब मेरे.... 
ज़रा रात को तो और चाँदनी होने दीजिये...
*
यूं न झुकाओ नज़रे सनम 
ज़रा नज़रों से यह मदमस्त शराब पीने दीजिये...
*
ना कुछ तुम कहो
ना कुछ हम कहे 
यह जो हो रहा है आज होने दीजिये...

#रोमिल