Friday, July 11, 2014

लेटे-लेटे आँखें आँसूओं से भर जाती है

लेटे-लेटे आँखें आँसूओं से भर जाती है,
उसकी कहीं हुई जब एक-एक बात याद आती है,
जवाब उसको खुला दूँ,
बस दिल यही कहता है
मगर माँ के संस्कारों की बेड़ियां जकड़ जाती है। 

कहीं रोते-रोते मर न जाऊं।
यहीं अच्छा होगा।

#रोमिल

माँ भी कितनी प्यारी चौकीदार होती थी।

चौकीदार

सुबह उसको जल्दी उठना है
पढ़ाई भी तो करनी है उसको
सुबह की चाय कहीं खाली पेट तो नहीं पी रहा 
नाश्ता ठीक से उसने किया की नहीं

ऑफिस जाते हुए कहीं कुछ कागज़ भूल तो नहीं गया
दिन में समय से उसने खाना खाया की नहीं
खाना ठंडा तो नहीं हो गया था कहीं

इतनी देर हो गई अभी तक घर क्यों नहीं आया
स्कूटर तो उसका ख़राब नहीं हो गया है कहीं
अभी पूछती हूँ.… 

खाना खाकर समय से सो गया है की नहीं
इतनी रात तक कमरे की बत्ती क्यों जल रही है  
लैपटॉप के साथ जाग तो नहीं रहा कहीं
अभी देखती हूँ.… 

माँ भी कितनी प्यारी चौकीदार होती थी। 

#रोमिल

Thursday, July 10, 2014

मौत अक़्सर ज़िन्दगी के लिबास में आती है।

किसी बंद लिफ़ाफे में छुपी ख़ुशी की तरह   
मौत अक़्सर ज़िन्दगी के लिबास में आती है। 

#रोमिल

कर्ज़

आसमां के नीचे, ज़मीं के ऊपर रहने का कुछ कर्ज़ तो उतारना ही पड़ेगा
अगर वोह साँसें देकर, बंदगी मांगता है, तो क्या बुरा करता है?
इन साँसों का कुछ कर्ज़ तो उतारना ही पड़ेगा।

उसकी कड़वी बातें मुझे रातभर सोने नहीं देती
यह ज़लालत भरी ज़िन्दगी सांसें लेने नहीं देती
रोने से क्या हासिल होगा रोमिल?
चंद मुठ्ठी भर ढेलियों का कर्ज़ तो उतारना ही पड़ेगा।

 इंसाफ चाहिए मुझे!
अपनी हर जलालत का, अपनी हर बेज्जती का
देख.… इस बार, दोस्ती का कर्ज़ तो उतारना ही पड़ेगा।

#रोमिल

Wednesday, July 9, 2014

ruksat karo to duaoon ke saath karo

ruksat karo to duaon ke saath karo
itna to ehsaan mujhpar deewan-e-yaar karo.

vaada hai... ek ruksat hote insaan ka vaada hai...
nibhaunga jarur...
itna to aitbaar-e-yaar karo.

purani pehchaan hai, zaara muskura bhi do
chaho to gale se lagkar shikwe hazaar karo.

sunadi usne do baatein,
sunane do
aaj uska waqt hai
kal hum sunayenge
hamara bhi waqt aayega
jaagkar ab neendon ko to na dushwaar karo.

#Romil

रुख़सत करो तो दुआओं के साथ करो 
इतना तो एहसान मुझपर दीवान-ए-यार करो.

वादा है... एक रुख़सत होते इंसान का वादा है... 
निभाऊंगा जरूर... 
इतना तो ऐतबार-ए-यार करो. 

पुरानी पहचान है, जरा मुस्कुरा भी दो 
चाहो तो गले से लगकर शिकवे हजार करो.

सुना दी उसने दो बातें, 
सुनाने दो 
आज उसका वक्त है 
कल हम सुनाएंगे 
हमारा भी वक्त आएगा 
जागकर अब नींदों को तो ना दुश्वार करो. 

#रोमिल

ए मौत मेरा तुझसे वादा है.…

ए मौत मेरा तुझसे वादा है
तू जब भी आएगी, मुझे मुस्कुराता ही पाएगी
गुदगुदाता हुआ, उड़ती-फिरती तितलियों के तरह ही पाएगी
बाहें खोलकर मैं तुझे अपनी आग़ोश में लेने की गुज़ारिश करूँगा
मिट्टी में मिल जाने की आरज़ू रखूँगा
ज़िन्दगी के सारे रंग ख़्वाब बन आँखों में उतर चलेंगे
और 
मैं, 
सफ़ेद रंग ओढ़कर गुज़रे हुए मौसम की तरह गुज़र जायूँगा।       

ए मौत मेरा तुझसे वादा है.… 

#रोमिल

आज जमकर रोया हूँ

आज जमकर रोया हूँ
ख़ुदा क़सम, फ़ूट-फ़ूटकर रोया हूँ
बरसात की तरह बस बरसती जा रही थी आँखें
सिसकियों में बस खो सी गई थी आवाज़ें...

आज़ बचपन का रोना याद आ गया...
बहती हुई नाक को शर्ट की आस्तीनों से पोछना याद आ गया...

आज की बेईज़्ज़ती याद रहेगी 
मैं कुछ नहीं बोलूंगा, न जवाब दूँगा
मेरा खुदा देगा...
तुम्हारे हर एक इ-मेल का, तुम्हारे हर एक सवाल का...

ख़ुदा कसम...

#रोमिल