Friday, February 10, 2012

Chalo Bhole Baba ke Dware Sab Dukh Katenge Tumhare

Chalo Bhole Baba ke Dware
Sab Dukh Katenge Tumhare
Chalo Bhole Baba ke Dware
Sab Dukh Katenge Tumhare
Bhole Baba
Bhole Baba
Bhole Baba
Bhole Baba
Bhole Baba
Bhole Baba
Chalo Bhole Baba ke Dware
Sab Dukh Katenge TumhareChalo Bhole Baba ke Dware
Sab Dukh Katenge Tumhare
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Om Namah Shivaya
Om Namah Shivaya
Om Namah Shivaya
***
Hey Bhole Baba aapse dono haath jod kar vinati hai
aap sabhi ke kasht door karo
sabko sukh-shanti-khushiyoon do
maa ka har pal khayal rakhana
mujhe papon se mukt karo
Om Namah Shivaya
Om Namah Shivaya
Om Namah Shivaya

माँ मेरी सर पर हाथ रख दो

माँ मेरे सर पर हाथ रख दो, 
मैं कामयाबी को पा लूँगा.

 डांट के ही सही मुझे सुला दो माँ 
मैं दो घड़ी नींद को पा लूँगा.

एक बार मेरा हाथ थामो माँ
मैं मंजिल को पा लूँगा.

देखो मैं ज़िन्दगी के रास्ते में कितना अकेला, तन्हा हूँ
एक बार ही सही मेरे हांथों में अपना हाथ दो माँ.
- रोमिल

Thursday, February 9, 2012

Shiv Shankar Ka Gungaan Karo - शिव शंकर का गुणगान करो

ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय।

शिव शंकर का गुणगान करो, शिव भक्ति का रसपान करो ।
जीवन ज्योतिर्मय हो जाए, जो तिर्लिंगो का ध्यान करो ॥

उसने ही जगत बनाया है, कण - कण में वो ही समाया है ।
दुःख भी सुख सा ही बीतेगा, सर पे जब शिव का साया है ।
बोलो हर हर हर महादेव, हर मुश्किल को आसान करो ॥

शंकर तो हैं अन्तर्यामी, भक्तो के लिए सखा से हैं ।
भगवान् भाव के भूखे हैं, भगवान् प्रेम के प्यासे हैं ।
मन के मंदिर में इसी लिए शिव मंदिर का निर्माण करो ॥

***
ॐ नमः शिवाय
ॐ नमः शिवाय
ॐ नमः शिवाय
हे महादेव, देवों के देव, सबकी मुश्किले दूर करो
सबको दुःख के सागर से बाहर निकालो
सबके जीवन में खुशियाँ - सुख लाओ.
माँ को हमेशा शांति देना, उसका ख्याल रखना
मेरी भूलों को क्षमा करना.
ॐ नमः शिवाय
ॐ नमः शिवाय
ॐ नमः शिवाय

ऊन के गोले में छोटे-छोटे सपने बुनती माँ

ऊन के गोले में छोटे-छोटे सपने बुनती माँ
तेरे आने की घड़ियों में कभी सोती, कभी जागती माँ.

खिलौनों को सजेती, कभी खुद खिलौना बन जाती माँ
कभी काजल का टीका लगाती, कभी नज़र उतारती माँ.

कीवाड़ पर तेरी राह देखती, तेरी चिंता में न सोये माँ
कभी जबरदस्ती तो कभी कहानी-लोरी गाकर सुलाए माँ.

कभी डांटे, कभी लाड-दुलार दिखाए माँ
रोमिल, बच्चे से चाहे जितनी भी दूर हो, फिर भी दिल में रहती माँ.

#रोमिल

Wednesday, February 8, 2012

Shankar Mera Pyara Shankar Mera Pyara शंकर मेरा प्यारा, शंकर मेरा प्यारा

शंकर मेरा प्यारा, शंकर मेरा प्यारा ।
माँ री माँ मुझे मूरत ला दे,
शिव शंकर की मूरत ला दे,
मूरत ऐसी जिस के सर से निकले गंगा धरा ॥

माँ री माँ वो डमरू वाला,
तन पे पहने मृग की छाला ।
रात मेरे सपनो में आया,
आ के मुझ को गले लगाया ।
गले लगा कर मुझ से बोला, मैं हूँ तेरा रखवाला ॥

माँ री माँ वो मेरा स्वामी,
मैं उस के पट की अनुगामी ।
वो मेरा है तारण हारा, उस से मेरा जग उजारा ।
है प्रभु मेरा अन्तर्यामी, सब का है वो रखवाला ॥

http://shiva-sunny-raj.blogspot.in/2012/02/shankar-mera-pyara-shankar-mera-pyara.html
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ॐ नमः शिवाय
ॐ नमः शिवाय
ॐ नमः शिवायहे बोलेनाथ, हे प्रभु सबके कष्ट हरो, सबके दुःख दूर करो,
सबको सुख-शांति दो
सब पापियों के पाप मिटा दो,
माँ पर हमेशा दया करना, हमेशा ख्याल रखना
मेरी पापों को नष्ट करना.

मुझे तो रब, माँ में मिला.

न मक्का, न काशी में मिला
मुझे तो रब, माँ में मिला.

न दुनिया के किसी कोने में मिला
मुझे सुकून - चैन माँ की गोद में मिला.

हर जगह ढूंढी दो पल की ख़ुशी
मुझे ख़ुशी का पिटारा माँ में मिला.

हर किसी को परख के देखा दुनिया में रोमिल
मुझे मेरा अपना सिर्फ माँ में मिला.

Tuesday, February 7, 2012

Shanti keejiye prabhu tribhuvan mein - शांति कीजिये प्रभु त्रिभुवन में

Shanti keejiye prabhu tribhuvan mein,
Jal mein thal mein aur gagan mein,
Antriksh mein agni pavan mein,
Sakal jagat ke jad chetan mein

Brahman ke updesh vachan mein,
Kshtriya ke dwara hove ran mein,
Vaishya jano ke hove dhan mein,
aur Shudra ke hi charan mein.

Shanti rashtr nirvan srajan mein,
Nagar gram mein aur bhawan mein,
Jeev matra ke tan mein mann mein,
aur Jagat ke hi karn-karn mein...

Shanti keejiye prabhu tribhuvan mein...
***

शांति कीजिये प्रभु त्रिभुवन में

जल में थल में और गगन में
अन्तरिक्ष में अग्नि-पवन में
सकल जगत के जड़ चेतन में.
ब्रह्मण के उपदेश वचन में,
क्षत्रिय के द्वारा होवे रण में,
वैश्य जनों के होवे धन में,
और शुद्र के ही चरण में.

शांति राष्ट्र निर्माण सृजन में,
नगर ग्राम में और भवन में,
जीव मात्र के तन में मन में,
और जगत के हर कण-कण में,

शांति कीजिये प्रभु त्रिभुवन में...
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हे सबके स्वामी परमात्मा! सबको जीवन में शांति प्रदान करना.
सबको रोगरहित स्वास्थ देना.
सबको असत्य के हटकर सत्य के मार्ग पर चलने की शक्ति देना.
सबको विद्या, ज्ञान, धन देना
माँ का हमेशा, हर पल ख्याल रखना
मेरी बुराइयों को दूर करना, मुझको दोषरहित करना.