Thursday, August 14, 2014

Chhadi ko khatkhatakar zameen pe

Maa, Chhadi ko khatkhatakar zameen pe 
Amma boli, aaj ghumane chalenge
Jo raaj, is raj ne apne dil mein chhupa rakhe hai
usko aaj khojane chalenge...

 Amma boli, aaj ghumane chalenge...

Hum bhi zara sune to... Raja bete ke dil mein kaun rehta hai
Kiska dard is chhote se dil mein chhupa rakha hai
jo tu har pal bas muskurata rehta hai...

Na tujhe zindagi ki fikar
Na tarakki ki aarzoo
Na daulat ki chahat
Na koi sapna, na koi khawab, na koi umeed
Na koi rishtedaar
Na koi dost-yaar
Kya is dunia mein koi is tarah bhi rehta hai?

Tu to har baat par muskura kar taal deta hai...
Jab dekho tab muskurata rehta hai... Buddhu...

Suna na... Aaj tera dard sunne ko dil karta hai...

#Romil 

माँ, छड़ी को खटखटाकर ज़मीन पे 
अम्मा बोली, आज घूमने चलेंगे... 
जो राज, इस रोमिल ने अपने दिल में छुपा रखे है... 
उसको आज खोजने चलेंगे...

अम्मा बोली, आज घूमने चलेंगे... 

हम भी ज़रा सुने तो... राजा बेटा के दिल में कौन रहता है... 
किसका दर्द इस छोटे से दिल में छुपा रखा है,
जो तू हर पल बस मुस्कुराता रहता है... 

न तुझे ज़िंदगी की फ़िक्र
न तरक़्क़ी की आरज़ू 
न दौलत की चाहत  
न कोई सपना, न कोई ख़्वाब, न कोई उम्मीद,
न कोई रिश्तेदारी,
न कोई दोस्त-यार,
क्या इस दुनिया में कोई इस तरह भी रहता है?   

तू तो हर बात पर मुस्कुरा कर टाल देता है... 
जब देखो तब मुस्कुराता रहता है... 
अपने ही टशन में रहता है... 

सुना न... आज तेरा दर्द सुनने को दिल करता है... 

#रोमिल

Sunday, August 10, 2014

jab baalon mein chandi aa jayegi

jab baalon mein chandi aa jayegi
tum aur haseen lagane lagogi
umar aur ghatane lagage
mohabbat aur jawan hogi...

bina baat par hi hum-tum ek-dusare se jhagadein kiya karte the  
jaise kadi dhoop mein baarish ke moti tapakte the...

#Romil

जब बालों में चांदी आ जाएगी 
तुम और हसीन लगने लगोगी 
उम्र और घटने लगेगी 
मोहब्बत और जवान होगी... 

बिना बात पर ही हम-तुम एक-दूसरे से झगड़े किया करते थे... 
जैसे कड़ी धूप में बारिश के मोती टपकते हैं...

#रोमिल

Saturday, August 9, 2014

9th August '2006

कभी-कभी यूँ करना
जब याद मेरी आये तो घर की छत पर एक दिया जला देना
या
मेरे नाम लिख खत हवा में उड़ा देना
या
रूखे पड़े होंठों पर एक प्यारी सी मुस्कान खिला देना
या
सुने पड़े हाथों को मेहंदी से सज़ा लेना
या
अपनी खताओं को याद कर आँखों से थोड़ा उबला पानी निकाल देना।

कभी-कभी यूँ करना

#रोमिल

आख़िर कौन सा रिश्ता तुम निभा रहे हो?

कल यह लहरें मुझसे पूछ रही थी
रोज़ नदी किनारे दोनों हाथ पकड़कर आते हो
फिर किसी दीवार का सहारा लेकर पीठ के बल दोनों बैठ जाते हो
देर तक मुझे निहारते हो
एक दूसरे से प्यार-दर्द-हमदर्दी भरी बातें करते हो
कभी आइसक्रीम,
कभी लइया-चना,
तो कभी चाय का लुफ्त उठाते हो.

आख़िर कौन सा रिश्ता तुम निभा रहे हो?

पैर के घुटने पर कभी छोटे बच्चों के जैसे अपना सर रख देते हो
तो कभी हाथों की उँगलियों की मालिश करते हो
कभी बालों को कंघी से काढ़ते हो
कभी बूढ़ी-धसी हुई आँखों में काज़ल लगाते हो  
तो कभी हथेलियों पर मेहंदी सजाते हो.

आख़िर अम्मा से कौन सा रिश्ता तुम निभा रहे हो?

रोमिल, आख़िर कौन सा रिश्ता तुम निभा रहे हो? 

#रोमिल

Thursday, August 7, 2014

Maa kehti thi...

Maa kehti thi...

barsaat ka mausam hai beta,
parinde agar ho to, thodi bahut pareshani to hogi.

jo ameri mein bhi pak rehta hai, 
garibi mein bhi Rab ka sukrana kehta hai
Khuda ke ghar main hukumat usi ki hogi.

bujurgon ki sewa kar, 
unka ashirwad le, ashish le,
tere ghar mein hamesha barkat hogi.

rupiyon se rishte nahi nibhaye jaate
rishton ke aagey rupiyein nahi dekhe jaate
jo dusaron ke liye jiye, zindagi usi ki safal hogi.

#Romil

मां कहती थी... 

बरसात का मौसम है बेटा, 
परिंदे अगर हो तो, थोड़ी बहुत परेशानी तो होगी. 

जो अमीरी में भी पाक रहता है, 
गरीबी में ही रब का शुकराना कहता है 
खुदा के घर में हुकूमत उसी की होगी...

बुजुर्गों की सेवा कर, 
उनका आशीर्वाद ले, आशीष ले, 
तेरे घर में हमेशा बरकत होगी... 

रुपियों से रिश्ते नही निभाये जाते 
रिश्तों के आगे रुपिये नहीं देखे जाते 
जो दूसरों के लिए जिए, जिंदगी उसी की सफल होगी...

#रोमिल

माँ, अम्मा कहती है.… ला मुझे कपडा ला दें तेरे लिए एक गुड़िया सील दूँ

माँ, अम्मा कहती है.… 

ला मुझे कपडा ला दें
तेरे लिए एक गुड़िया सील दूँ 
पटियाला सलवार बनाऊँ उसकी
कुर्ते और दुपट्टे की आस्तीनों पर गोटा सील दूँ.

ला मुझे कपडा ला दें
तेरे लिए एक गुड़िया सील दूँ.

दो चोटी बनाऊँ उसकी
उसके हाथों की मेहंदी पर तेरा नाम लिख दूँ.

अमृतसरी जूती पहनाऊँ उसको
चेहरे पर छोटा सा तिल रख दूँ.

सुल्तान बेटे, ला मुझे कपडा ला दें
तेरे लिए एक गुड़िया सील दूँ.

#रोमिल 

Sunday, August 3, 2014

Beta... hamesha sapne bade rakhana

Maa kehti thi...

Beta... hamesha apne sapne bade rakhana
sirf bistar par sote hi nahi rehna, utho aur is zameen par chalna, daudana...

chand, taaron ki ucchaiyon ko dekh kar ghabrana nahi
hamesha unko paane ki khawaish dil mein rakhana

jal jaye chahe yeh ungali koi gam nahi
par is Satya ki roshani ko hamesha jalaye rakhana...
Beta... hamesha sapne bade rakhana....

#Romil 

माँ कहती थी... 

बेटा... हमेशा अपने सपने बड़े रखना... 
सिर्फ बिस्तर पर सोते ही नहीं रहना... उठो और इस ज़मीन पर चलना, दौड़ना... 

चाँद, तारों की ऊँचाइयों को देखकर घबराना नहीं 
हमेशा उनको पाने की ख्वाइश दिल में रखना... 

जल जाये यह उँगली कोई ग़म नहीं
पर इस सत्य की रोशनी को हमेशा जलाये रखना... 
बेटा... हमेशा सपने बड़े रखना... 

#रोमिल